कोरोना के झटके से विश्व का कोना कोना ग्रसित हो गया फिर भारत इससे कैसे बचा रहता | इसने देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ आईपीएल की ब्रांड वैल्यू को भी तगड़ा झटका दिया है |

2019 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 47500 थी जबकि 2020 में ये घटकर 45800 करोड़ रह गई

यानी सीधे-सीधे 1700 (3.6 %) करोड़ की चपत |

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कोरोना के झटके से आईपीएल फ्रैंचाइज़ी भी अछूते नहीं रहे हैं | सबसे ज्यादा चपत 2019 में सातवें नंबर पर रही चेन्नई सुपर किंग्स को लगी है | जिसकी ब्रांड वैल्यू 2019 में 732 करोड़ थी जबकि 2020 में ये 611 करोड़ रह गई | पिछले एक साल में धोनी की कप्तानी वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स को 16.5 प्रतिशत का नुकसान |

इस बड़ी गिरावट के बाद भी चेन्नई,आईपीएल की दूसरी सबसे महंगी फ्रैंचाइज़ी बनी हुई है | पहले स्थान पर मुंबई विराजमान है | ऐसा नहीं है कि इस टीम को नुकसान नहीं हुआ,इसकी वैल्यू भी 48 करोड़ ( 5.9 ) कम हुई है फिर भी ये शिखर को पकडे हुए है | बिलकुल मुकेश अंबानी की तरह |

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चेन्नई के बाद सबसे ज्यादा नुकसान किंग खान यानि कोलकाता नाइट राइडर्स को हुआ है | 2019 में इसकी कीमत 629 करोड़ थी जबकि 2020 में 86 करोड़ ( 13.7) के नुकसान साथ ये 543 करोड़ पर आ गई |

2020 में आईपीएल की उपविजेता रही दिल्ली लगभग इस नुकसान से बची रही | उसे केवल 4 करोड़ ( 1%) का नुकसान हुआ है |

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फ्रेंचाइजियों की ब्रांड वैल्यू में गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही इन्हें मिलने वाली प्रायोजक ( स्पॉन्सरशिप ) की रेवेन्यू में कमी होना | पिछले साल आईपीएल की स्पांसर ड्रीम 11 थी जिसने केवल 222 करोड़ दिए थे जबकि इस साल वीवो ने आईपीएल 2021 की स्पॉन्सरशिप के लिए 440 करोड़ दिए हैं |

बाकी रही सही कसर टिकट से होने वाली कमाई और अन्य चीजों से होने वाली कमाई में गिरावट रही | क्योंकि पिछले साल दुबई में आईपीएल के सारे मैच बिना दर्शकों के खेले गए थे और इस साल वीवो आईपीएल 2021 भी ऐसा ही देखने को मिलेगा |

यहाँ आपको बताते चलें कि आईपीएल और फ्रेंचाइजियों की ब्रांड वैल्यू का अनुमान अमेरिकी कंपनी डफ़ एंड फेल्प्स ने लगाया है |